वाराणसी।
लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण के लिए नामांकन दाखिल किए जा रहें है। वहीं देश की सबसे वीवीआईपी सीट वाराणसी की बात करें तो यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहें है। यहां से कई प्रत्याशी ताल ठोंक कर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं । ऐसे में उस वक़्त सियासी गलियारों में हड़कम्प मच गया , जब एक ‘मुर्दा’ भी पर्चा भरने डीएम ऑफिस पहुंच गया।
दरअसल बुधवार को वाराणसी में गले में मैं जिंदा हूं कि तख्ती टांग एक शख्स सांसद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने कलेक्ट्रेट पहुंचा, इस दौरान वह हाथ में 25 हजार रुपये और नामांकन फॉर्म लेकर गया था। हालांकि अफसरों ने उन्हें नामांकन स्थल के बाहर कलेक्ट्रेट की गेट पर भी रोक दिया। जिसके बाद वही नाराज हो गया और हंगामा शुरू कर दिया। बता दें कि नामांकन भरने आए शख्स का नाम संतोष मूरत सिंह है। उन्होने बताया कि राजस्व अभिलेख में धोखे से उन्हें मृत घोषित कर दिया है और उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है।
राष्ट्रपति का भी लड़ा था चुनाव:
जिसके बाद अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए संतोष मूरत सिंह चुनाव लड़ने आए है। हालांकि संतोष के लिए चुनाव लड़ना कोई नई बात नहीं है। वो 20 साल से चुनाव लड़ रहे हैं। 2012 में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव लड़ा था। और उनका पर्चा खारिज हो गया था।
मुम्बई ट्रेन बम धमाके में हुई थी मौत:
बताते चलें कि राजस्व अभिलेख के अनुसार, वाराणसी के छितौनी निवासी संतोष मूरत सिंह की मौत 2003 के मुम्बई के ट्रेन में हुए बम धमाके में हो चुकी है। इसके बाद से वह खुद को जिन्दा साबित करने के लिए तख्ती टांग वाराणसी के सड़कों पर घूमते है।